Wednesday, April 21, 2010

rajeh

yar aap log to kamal ke sayer ho

1 comment:

  1. कोई दोस्त ऐसा बनाया जाये,
    जिसके आसुओं को पलकों में छुपाया जाए,
    रहे उसका मेरा रिश्ता कुछ ऐसा,
    की अगर वो रहे उदास तो हमसे भी न मुस्कुराया जाये

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